Computer kya hai- कंप्यूटर एक ऐसा यंत्र है जो सूचनाओं को सुनियोजित ढंग से प्रस्तुत करता है कंप्यूटर शब्द अंग्रेजी के Compute से बना है जिसका अर्थ गणना करना है। अतः तार्किक दृष्टिकोण से किसी भी गणना करने वाली यंत्र को कंप्यूटर कहा जा सकता है। " Computer is an electronic device which can process over data under the control of program" कंप्यूटर के प्रत्येक अक्षर को निम्नानुसार समझ सकते हैं -

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What is Computer in Hindi

Full Name of Computer in Hindi-

  • C-Calculator-गणना करना 
  • O- Operator-संचालन करना 
  • M- Memory- मेमोरी संग्रहण करना
  • P-Print-  छपाई  करना
  • U-Update- पूरा करना
  • T-Technology- टेक्नोलॉजी 
  • E-Education-शिक्षा 
  • R-Research-जाँच  करना 

Computer in hindi meaning- कंप्यूटर को  हिंदी में संगणक  कहते है। Computer एक ऐसा यंत्र है जो किसी भी प्रकार के डाटा को व्यवस्थित करता है और नियंत्रित  करता है तथा पूर्ण शुद्धता के साथ गणना भी करता है। 


History of computer (कंप्यूटर का इतिहास )

Computer शब्द की उत्पत्ति अंग्रेजी भाषा के Compute शब्द से हुई है जिसका अर्थ है गणना करना अतः कंप्यूटर का विकास गणितीय गणना ओं के उद्देश्य की पूर्ति के लिए किया गया है।  सबसे पहले कंप्यूटर का आविष्कार 600 ईसा  पहले गिनतारे का विकास मेसोपोटामिया में हुआ । इसी प्रकार केलकुलेटर का आविष्कार 17वीं शताब्दी के शुरुआत में डानन नेपियर ने किया था जिसका उपयोग गणितीय गणना हेतु किया गया था। बाद में इसके 1671 में गणना करने वाले केलकुलेटर का आविष्कार हुआ। 1942 में पास्कल ने यांत्रिक केलकुलेटर बनाया जिसे पास्कलिग कहा गया। यह केलकुलेटर सिर्फ छह व्यक्तियों के बराबर गणना कर सकता था ,1842 में डिजिटल कंप्यूटर बनाया  गया । प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में वेक्यूम ट्यूब का प्रयोग होता था । 1948 में वेक्यूम ट्यूब की जगह ट्रांजिस्टर का उपयोग होने लगा । इससे वेक्यूम ट्यूब में होने वाले शोर और गर्मी से छुटकारा मिल गया।  इससे खर्चीली और कम जगह देने वाले Computer का निर्माण संभव हो सका 1998 ट्रांजिस्टर के स्थान पर सिलिकॉन की बनी इंटीग्रेटेड सर्किट का उपयोग होने लगा।  इसने Computer की मूलभूत संरचना में परिवर्तन ला दिया।  कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी में सिलिकॉन चिप निर्मित Computer का आकार छोटा होने के कारण इसने कंप्यूटर के इतिहास में क्रांति ला दी। 


Classification of Computer(कंप्यूटर का वर्गीकरण )

 कंप्यूटर का प्रत्यक्ष रूप से सीधा वर्गीकरण करना बहुत ही मुश्किल है।  Computer का वर्गीकरण उनके नाम ,प्रयोग और उद्योगों के आधार पर किया जा सकता है।  इसलिए कंप्यूटर का वर्गीकरण हम तीन आधार पर करते हैं 

  • एप्लीकेशन के आधार पर 
  • उद्देशय के आधार पर
  •  आकार के आधार पर

अनुप्रयोग के आधार पर कंप्यूटर को तीन भागों में बांटा गया है 

  1. Analog Computer (एनालॉग कंप्यूटर)- इस श्रेणी में वे Computer आते हैं जिनका  प्रयोग भौतिक इकाइयों की माप  कर उनको अंको में परिवर्तित करने के लिए किया जाता है।  इस प्रकार के कंप्यूटर केवल अनुमानित अनुमान ही देते हैं जैसे किसी पेट्रोल पंप पर लगा एनालॉग कंप्यूटर पंप से निकलने वाले पेट्रोल की मात्रा को मापता है और लीटर में दिखाता है और उसके मूल्य की गणना करता है। 
  2. Digital Computer (डिजिटल कंप्यूटर)- इस श्रेणी में वे Computer आते हैं जो अंको की गणना करते हैं। जब लोग कंप्यूटर के बारे में बात करते हैं तो अधिकतर डिजिटल Computer केंद्र बिंदु होता है। इस श्रेणी में वह कंप्यूटर आते हैं जो बाजार में चलते हैं, घरों का बजट तैयार करते हैं और अन्य सभी प्रकार के कार्य जो कंप्यूटर पर किए जा सकते हैं इसलिए अधिकतर कंप्यूटर डिजिटल कंप्यूटर की श्रेणी में ही आते हैं। डिजिटल कंप्यूटर डाटा और प्रोग्राम को जीरो और 1 में परिवर्तित करके उसको इलेक्ट्रॉनिक रूप में ले जाते  है।
  3. Hybrid Computer (हाइब्रिड कंप्यूटर)- ये Computer अनेक गुणों से युक्त होते हैं इसलिए इन्हें हाइब्रिड कंप्यूटर कहा जाता है। इन कंप्यूटर में एनालॉग कंप्यूटर और डिजिटल कंप्यूटर दोनों के ही गुण होते हैं। यह कंप्यूटर अधिक विश्वसनीय होते हैं उदाहरण के लिए जब कंप्यूटर की एनालॉग डिवाइस किसी रोगी के लक्षण को  जैसे तापमान और रक्तचाप आदि को मापती है तो यहमाप बाद में डिजिटल भागों के द्वारा अंकों में बदल दिए जाते हैं। इस प्रकार से  किसी भी रोगी के स्वास्थ्य में आए उतार-चढ़ाव का तुरंत सही पता चल जाता है।

 

On the basic of Size (आकार के से आधार पर कंप्यूटर का वर्गीकरण)

  1. Micro Computer (माइक्रो कंप्यूटर)- कंप्यूटर तकनीक के क्षेत्र में 1970 के दशक में एक बहुत बड़ा आविष्कार हुआ यह अविष्कार था माइक्रो प्रोसेसर का।  इस आविष्कार के साथ ही एक सस्ती और अच्छी कंप्यूटर प्रणाली बनना संभव हुआ। इस प्रकार निर्मित Computer एक डेस्क पर या एक ब्रीफकेस में भी रखा जा सकता था। इन छोटे कंप्यूटर को ही माइक्रोकंप्यूटर कहते हैं। माइक्रोकंप्यूटर कीमत में कम और आकार में छोटे होते हैं इनको व्यक्तिगत उपयोग के लिए घर या बाहर किसी भी कार्य क्षेत्र में लगाया जा सकता है। इनको पर्सनल कंप्यूटर या पीसी भी कहते हैं। माइक्रोकंप्यूटर का व्यापार में बहुत महत्व है व्यापार बड़ा हो या छोटा यह हर प्रकार के व्यापार में प्रयोग किया जाता है। इससे व्यापार में किए गए कार्य का विवरण रखते हैं, पत्र व्यवहार के लिए पत्र तैयारकरते है, उपभोक्ताओं के लिए बिल बनाते है , एकाउंटिंग में प्रयोग आदि।
  2. Mini Computer (मिनी कंप्यूटर)- सबसे पहला मिनी कंप्यूटर एक रेफ्रिजरेटर के आकार का था जिसकी कीमत $18000 थी जिसे DEC ने 1965 में तैयार किया था। यह कंप्यूटर मध्यम आकार के कंप्यूटर होते है। यह कंप्यूटर माइक्रोकंप्यूटर की तुलना में अधिक कार्य क्षमता वाले होते हैं। मिनी कंप्यूटर की कीमत माइक्रो कंप्यूटर से अधिक होती है इन कंप्यूटर को व्यक्तिगत रूप से खरीदा नहीं जा सकता है। इन कंप्यूटर्स को छोटे और मध्यम आकार की कंपनियां प्रयोग करती हैं। इन कंप्यूटर पर एक साथ एक से अधिक व्यक्ति कार्य कर सकते हैं। मिनीकंप्यूटर में एक अधिक सीपीयू होते हैं इन कंप्यूटर के स्पीड माइक्रो Computer से अधिक लेकिन मेनफ्रेमकंप्यूटर से कम होती है। मिनी कंप्यूटर के उपयोग यातायात में यात्रियों के आरक्षण के लिए, बैंकों में बैंकिंग के लिए ,कर्मचारियों के वेतन के लिए, वित्तीय खातों के रखरखाव के लिए किया जाता है।  
  3. Mainframe computer (मेनफ्रेम कंप्यूटर)- मेनफ्रेम कंप्यूटर आकार में बहुत बड़े होते हैं तथा इनकी भंडारण क्षमता भी अधिक होती है। इनमें अधिक मात्रा में बहुत ही तीव्र गति से डेटा को प्रोसेस करने की क्षमता होती है इसलिए इनका प्रयोग बड़ी कंपनियों ,बैंकों, सरकारी विभागों में Server के रूप में किया जाता है। यह कंप्यूटर 24 घंटे कार्य कर सकते हैं जैसे  उपभोक्ताओं द्वारा खरीदा गए ब्यौरे  को भेजना ,नोटिस भेजना, कर्मचारियों को भुगतान करना, टैक्स का विवरण रखना आदि।
  4. Super Computer (सुपर कंप्यूटर)-यह कंप्यूटर सभी श्रेणियों की कंप्यूटर की तुलना में सबसे बड़े सबसे अधिक संग्रह क्षमता वाले सबसे अधिक गति वाले होते हैं। इनमें अनेक सीपीयू समानांतर क्रम में कार्य करते हैं। इस क्रिया को Parellal Processing कहते हैं।  सुपरकंप्यूटर में अनेक ALU सीपीयू का एक भाग होता है इनमें प्रत्येक ALU निश्चित कार्य के लिए होते हैं।  सभी एएलयू एक समांतर क्रिया करते हैं सुपर कंप्यूटर का प्रयोग बड़े वैज्ञानिक और शोध प्रयोगशालाओं में शोध कार्यों में होता है। अंतरिक्ष यात्रा के लिए अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजना, मौसम की भविष्यवाणी करना, उच्च गुणवत्ता के एनिमेशन वाले चित्रों का निर्माण करना इन कंप्यूटर द्वारा किया जाता है। भारत के द्वारा बनाया गया सबसे पहला सुपर कंप्यूटर परम 10000 है इसके अलावा अन्य सुपरकंप्यूटर भी है जैसे cray-1, PARAM8000  आदि।

Parts of Computer (कंप्यूटर के भाग)

कंप्यूटर मुख्यतः दो भागों से मिलकर बना होता है हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर 

  • Computer Software (सॉफ्टवेयर) -Computer के वे भाग जिन्हे  हम केवल देख सकते हैं परंतु छू नहीं सकते।  कंप्यूटर सॉफ्टवेयर कहलाते है।जैसे- Operating System, MS-Word, MS-Excel Etc. 
  • Computer Hardware ( हार्डवेयर) Computer के वे भाग जिन्हें हम छू सकते हैं और देख भी सकते हैं, हार्डवेयर कहलाते हैं जैसे- CPU ,Keyboard ,Monitor आदि।

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